जांजगीर-चांपा। वित्त मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी ने जाज्वलल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला के दौरान कलेक्टर आकाश छिकारा एवं जिला प्रशासन की अभिनव पहल “आज क्या सीखा“ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यूनिसेफ जिला समन्वयक दिव्या राजपूत ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत में अपनी तरह का पहला, बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक अभिनव कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में शुरू किया गया है।
कार्यक्रम के तहत माता-पिता को बच्चों से प्रतिदिन यह पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि उन्होंने क्या सीखा (आज क्या सीखा), और उस दिन, माता-पिता अपने घर पर एक लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) स्थापित करेंगे। यूनिसेफ द्वारा समर्थित, नए कार्यक्रम को युवोदय के हजारों युवा स्वयं सेवकों द्वारा मजबूत किया जाएगा। शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि “शिक्षा समृद्धि का मार्ग है, और हमारे राज्य को राष्ट्रीय मंच पर नेतृत्व करने के लिए अधिक उत्पादक युवाओं की आवश्यकता है।“ यह कार्यक्रम बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार के लिए भारत के लिए एक मॉडल हो सकता है, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया का कहना है कि माता-पिता बच्चों के पहले और सबसे प्रभावशाली शिक्षक हैं। “शोध कहता है कि बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी से बच्चों के सीखने के परिणामों और स्कूल में उपस्थिति में सुधार होगा, और स्कूल छोड़ने और छात्रों की अनुपस्थिति में कमी आएगी। इससे बच्चों का आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल भी बढ़ेगा। कलेक्टर आकाश चिकारा ने कहा कि जिला प्रशासन शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रतिबद्ध है।