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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पदक अलंकरण से सम्मानित पुलिस अधिकारियों से की भेंट

रायपुर।   राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन की गरिमामय उपस्थिति में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गणतंत्र दिवस की संध्या पर राजभवन में आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पदक अलंकरण प्राप्त करने वाले पुलिस अधिकारियों से भेंट कर उनके शौर्य और पराक्रम की सराहना की। इस दौरान पुलिस वीरता पदक, विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति पुलिस पदक, सराहनीय सेवा हेतु भारतीय पुलिस पदक, सराहनीय सुधार सेवा पदक प्राप्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। स्वागत समारोह में कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पदक प्राप्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कुछ इलाके सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है और यहां की चुनौतियां भी मैदानी क्षेत्रों से अलग है। आप सभी ने सेवा के दौरान आई कठिनाईयों से डट कर मुकाबला किया, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों का दायरा लगातार सिमट रहा है। छत्तीसगढ़ पिछले दो दशकों सेे तमाम चुनौतियों को पार करते हुए शांति स्थापित करने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। कर्तव्य के प्रति समर्पण का ही परिणाम है कि आज आप सभी को पुलिस पदक प्राप्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा की जब भी बात होगी, तो हमारे पुलिस के जवानों के संघर्ष, शौर्य और साहस का स्वर्णिम इतिहास भी प्रमुखता से उल्लेखित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधिकारी और जवानों को वीरता पुरस्कार मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।

जान की परवाह किये बगैर पुलिस अधीक्षक श्री गर्ग की टीम ने नक्सलियों से किया सीधा मुकाबला

बीजापुर पुलिस को 06 फरवरी 2019 को सशस्त्र माओवादियों के प्रशिक्षण शिविर में उपस्थिति की खुफिया सूचना मिली। अगले दिन पुलिस टीम घटना स्थल की ओर रवाना हुई और इस दौरान 80-100 हथियार बंद माओवादियों ने पुलिस जवानों पर फायरिंग की। लगभग 90 मिनट तक चली इस मुठभेड़ में पुलिस जवानों के साहस के साथ की गई जवाबी कार्यवाही ने नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। घटना में 10 नक्सली मारे गए और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियां बरामद की गई। इस घटना की सूचना मिलते ही तत्कालीन बीजापुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने अपनी टीम तैयार की और घायल साथियों की सुरक्षित वापसी के लिए घटना स्थल की ओर रवाना हुए। पुलिस अधीक्षक गर्ग स्वयं टीम का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़े और इस दौरान इंद्रावती नदी से दो किलोमीटर दूर घात लगाकर बैठे 40 से 50 नक्सलियों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोली बारी शुरू कर दी। श्री गर्ग ने जान की परवाह किए बिना तुरंत अपनी टीम को आगे बढ़ाया और घात लगाकर नक्सलियों पर हमला किया। श्री गर्ग ने रणनीतिक ऑपरेशन की योजनाएं बनाई और चतुराई से नक्सलियों का मुकाबला किया।

इस अदम्य साहस एवं बहादुरी के लिए पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग (भा.पु. से.) के साथ ही उप निरीक्षक पिल्लुराम मंडावी, सहायक उप निरीक्षक जोगीराम पोड़ियाम, प्रधान आरक्षक हिड़मा पोड़ियाम, प्रधान आरक्षक प्रमोद कुड़ियाम, प्रधान आरक्षक बलराम कश्यप, आरक्षक बीजूराम मज्जी, आरक्षक बुधराम हपका, आरक्षक लक्ष्मीनारायण मरपल्ली, आरक्षक मंगलू कुड़ियाम को पुलिस के ‘वीरता पदक‘ से अलंकृत किया गया। स्वर्गीय बुधराम हपका का पुरस्कार उनकी पत्नी ने प्राप्त किया।

घात लगाकर बैठे नक्सलियों से निरीक्षक लक्ष्मण केंवट ने लिया लोहा

राजनांदगांव जिले में 02 अगस्त 2019 को दरेकसा क्षेत्र समिति के 8-10 सदस्यों की उपस्थिति के संबंध में सूचना मिलने पर जिले की पुलिस टीम द्वारा ऑपरेशन रिमझिम-1 चलाया गया। थाना बाघ नदी अंतर्गत काला पहाड़ में ऑपरेशन के दौरान जब पुलिस पार्टी आगे बढ़ रही थी, तब घात लगा कर बैठे नक्सलियों ने पुलिस जवानों को जान से मारने एवं हथियार लूटने के इरादे से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

इस दौरान निरीक्षक लक्ष्मण केंवट द्वारा साहस पूर्वक इस अभियान का नेतृत्व किया गया और निडरता से कवर फायर करते हुए पुलिस पार्टी को फंसाने के नीयत से बिछाई गई आई.ई.डी. से बच निकले। गोलीबारी करीब ढाई घंटे तक चली। घटना स्थल की तलाशी में 5 महिला माओवादी और 02 पुरूष माओवादी के शव के साथ बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री सहित नक्सली साहित्य आदि बरामद किए गए। पूरे ऑपरेशन के दौरान निरीक्षक लक्ष्मण केवट ने बहादुरी, कार्यकुशलता एवं उत्कृष्ट नेतृत्व कौशल का अनूठा उदाहरण दिया, जिसके परिणाम स्वरूप सर्वाधिक वांछित, खूंखार नक्सली मारे गये। इस अदम्य साहस एवं बहादुरी के लिए निरीक्षक लक्ष्मण केवट को ‘पुलिस के वीरता पदक‘ से अलंकृत किया गया।

सिविल ड्रेस में आए नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने किया ढेर

उप पुलिस अधीक्षक शेरबहादुर सिंह ठाकुर और आरक्षक छत्रपाल साहू को आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया। बीजापुर जिले में सेवा के दौरान पुलिस कर्मियों ने खुफिया इनपुट प्राप्त होने पर सर्चिंग अभियान चलाया। सर्चिंग के दौरान केतुलनार के जंगल में पहुंची पुलिस टीम पर कैजुअल सिविल ड्रेस में आए नक्सलियों ने अचानक गोली बारी शुरू कर दी। एसडीओपी शेरबहादुर सिंह ठाकुर और उनकी टीम ने तेजी से स्थिति को संभालते हुए आत्म रक्षा में जवाबी गोली बारी की। 10 मिनट तक हुए फायरिंग में नक्सली जंगल की ओर भाग निकले। घटना स्थल के सर्चिंग के दौरान एक माओवादी के शव सहित भारी मात्रा गोलाबारूद बरामद किए।

इसी प्रकार बीजापुर जिले में 27 अप्रैल 2018 को हुए नक्सली घटना में उप निरीक्षक सुरेश जव्वा, प्रधान आरक्षक सुशील जेट्ठी, प्रधान आरक्षक बड़दी धरमैया, आरक्षक मंगलू कोवासी, आरक्षक मुकेश कलमू, आरक्षक रमेश पेरे को अदम्य साहस और बहादुरी की वीरता पुरस्कार से अंलकृत किया गया। उसके साथ ही बीजापुर जिले में 02 मार्च 2018 को हुए नक्सली घटना के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए उप निरीक्षक अरूण कुमार मरकाम, प्रधान आरक्षक लच्छिन्दर कुरूद, प्रधान आरक्षक मनोज कुमार मिश्रा, आरक्षक लीलांबर भोई, आरक्षक अजय कुमार बघेल को वीरता पुरस्कार से अलंकृत किया गया।

राष्ट्रपति का पुलिस पदक और भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित हुए अधिकारी

इसी तरह विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति का पुलिस पदक जिला दंतेवाड़ा रेन्ज के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप को प्रदान किया गया। सराहनीय सेवा हेतु भारतीय पुलिस पदक नेहा चंपावत पुलिस महानिरीक्षक, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो, नई दिल्ली, सुरजन राम भगत सेनानी, 22 वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ बल जिला-कांकेर, भावना पाण्डेय जोनल पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा भिलाई, उप निरीक्षक गनपत प्रसाद पाण्डेय जिला गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही, कंपनी कमांण्डर तेलेस्फोर मिंज 2री वाहिनी छत्तीसगढ़ बल सकरी-बिलासपुर, सहायक सेनानी राजेश कुमार शर्मा 9वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ बल जिला दंतेवाड़ा, प्लाटून कमांडर थाक बहादुर सोनी प्रथम वाहिनी छत्तीसगढ़ बल भिलाई, प्रधान आरक्षक वेद कुमार मंडावी यातायात कार्यालय जिला कांकेर, आरक्षक शैलेन्द्र सिंह यातायात बिलासपुर, उप सेनानी प्रकाश टोप्पो 15वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ बल जिला बीजापुर को प्रदान किया गया।

इसी तरह गृह व नागरिक सुरक्षा सराहनीय सेवा पदक संभागीय सेनानी नगर सेना रायपुर संभाग अनिमा एस. कुजूर, कंपनी क्वार्टर मास्टर नगर सेना धमतरी मदनलाल एवं नगर सेना कोरबा के सैनिक चन्द्रिका सिंह कंवर को प्रदान किया गया।

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