रायपुर। ऐसा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट कभी कोरबा के सतरेंगा में पर्यटन विभाग के माध्यम से सन 2020 में प्रारंभ हुआ था। परंतु भ्रष्ट निर्माण एजेंसी की लापरवाही के चलते यह रेस्टोरेंट 6 माह में ही बंद हो गया। जिसे पुनः प्रारंभ करने की पहल तक नहीं की गई क्योंकि लागत और कई गुना मुनाफा राशि निर्माण कंपनी को मिल चुकी थी। जानकारी के अनुसार सरकार को कम से कम 3 करोड़ का चुना लगा दिया गया। उक्त निर्माण कंपनी के खिलाफ देशभर में कई शिकायतों की जानकारी मिली है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में भी इन्होंने गड़बड़ियां की है।
इस संबंध में पर्यटन विभाग के आपरेशन हेड भावना श्रीवास्तव एवं अन्य जिम्मेदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि हवा तूफान की वजह से यह रेस्टोरेंट टूट गया जिसके बाद निर्माण नहीं हो पाया। ऐसे में हमारा मासूम सा सवाल है कि डेम एरिया हो या पहाड़ी क्षेत्र यहां तो हवा तूफान सामान्य बात है। इन क्षेत्रों में टूरिज्म के हिसाब से निर्माण भी उसी मजबूती के साथ किया जाता है। जैसे देश के अन्य राज्यों में। परंतु अगर भ्रष्टाचार की नीयत से ही गुणवत्ता विहीन कार्य हो तो बर्बादी होती ही है।
वैसे भी पर्यटन की क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बहुत पिछड़ा हुआ है ऐसे में कुछ अच्छा करने की नियत हमारी सरकारी रखती है तो उसमें भी आगे जाकर भ्रष्टाचार हो जाता है और जनता की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो जाती है। जिसके चलते अच्छी सोच के साथ किया हुआ काम भी धरा का धरा रह जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को चाहिए कि अपने अधीन के पर्यटन विभाग में हुए इस भ्रष्टाचार के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए और सरकारी खजाने को लूटने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।





