जानकी जयंती संत समागम समारोह के शुभारंभ अवसर पर राजिम पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। राजिम कुंभ की शुरुआत डॉ. रमन सिंह सरकार में हुई थी। पिछले पांच वर्षों में इसका स्वरूप कुछ बिगड़ गया था। इस वर्ष कुंभ का आयोजन 10 गुना भव्यता के साथ हो रहा है। राजिम कुंभ के फिर से भव्य आयोजन से छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है और राजिम कुंभ का वैभव एक बार फिर लौटा है। उन्होंने कहा कि कुंभ में शामिल होने आए साधु-संतों के आशीर्वाद से राज्य में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी श्रद्धालुओं को राजिम कुंभ के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राजिम कुंभ मेले की वेबसाइट लांच की और राजिम कुंभ पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजिम कुंभ के भव्य आयोजन के साथ-साथ इस साल का कुंभ रामोत्सव राजिम कुंभ के नाम से आयोजित करने की अनुमति दी है। साधु-संतों के आगमन और आशीर्वाद से कुंभ सफल होता है। मातृशोक के कारण मेरा शरीर मंच पर नहीं है, पर मेरी आत्मा एक महीने से यहीं है। पिछले 20 सालों में सबसे भव्य कुंभ इस बार हो रहा है। राजिम कुंभ तब तक पूरा नहीं होता जब तक साधु संत नहीं आते साधु संतों की अमृतवाणी से ही यह राजिम कुंभ कल्प सफल होता है। पूरे देश में चार कुंभ के होते हैं, ये चार कुंभ तो 12 साल में एक बार होते हैं, लेकिन राजिम कुम्भ कल्प पहला कुंभ है जो हर साल होता है।