रायपुर। पूर्व मंत्री और विधायक उमेश पटेल ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में जीडीपी बढ़ा है, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही कर्ज लेकर जनता को ठग रही है. BJP सरकार बनते ही 2 महीने में 13 हजार करोड़ रुपये कर्ज के लिए आवेदन दे दिया है. जिसमें से 9 हजार करोड़ रुपए अप्रूव हो चुका है. 4 हजार के लिए अप्रूवल के लिए गया हैं.
उमेश पटेल ने कहा कि भाजपा आरोप लगा रही है कि खजाना खाली कर दिया, लेकिन 41 हजार करोड़ का कर्ज 2018 में था. उस समय जीडीपी के साथ रेश्यो निकालोगे तो वह 14 से 15 % बनता है. उस समय 14 से 15% कर्ज था. पिछले 5 साल में जो कांग्रेस की सरकार थी, उसके सामने एक वैश्विक महामारी आई थी. 5 साल में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. मगर अभी का अगर आप निकालोगे तो 90 हजार करोड़ रुपये के आसपास होता है. यह जीडीपी के साथ कंपेयर करोगे तो 16% था.
पूर्व मंत्री ने कहा कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के समय पर 14 % था. पूर्व सीएम भूपेश बघेल के समय में 16% हुआ. इसमें अंतर क्या है? उस टाइम जीडीपी डबल हुआ तो कर्ज भी डबल हुआ. उस हिसाब से बिल्कुल अंतर नहीं है. 50 हजार करोड़ रुपये भूपेश बघेल की सरकार ने लिया. यानी सालाना लगभग 10 हजार करोड़ रुपये लिया और इस 2 महीने की BJP सरकार ने लगभग आरबीआई से 13 हजार करोड़ रुपये के लिए आवेदन लगा दिया है.
उन्होंने कहा, इसमें से 9 हजार करोड़ रुपये के लिए अप्रूवल मिल चुका है. 4 हजार के लिए अप्रूवल के लिए गया हैं. आरबीआई के पास यह समझने के लिए जीडीपी के हिसाब से रेश्यो कितना होगा, यह समझने के लिए जीडीपी के हिसाब से कंपेयर करने के लिए दिखाओगे तो डबल दिखाई देगा. यह सरकार भी पिछले सरकार के अकॉर्डिंग डबल कर्ज लेने वाली है.
प्रदेश में हुई एसीबी और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई को लेकर उमेश पटेल ने कहा कि भाजपा जांच करवा रही है. जो जांच चल रही है, जो आरोप लगा रहे हैं, वो सब निराधार साबित होंगे.
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी और अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा, BJP जिस तरीके से वादा करके छत्तीसगढ में जीतकर आई है, अब ये लग रहा है कि छत्तीसगढ की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है. इसी लिए भाजपा परेशान है और इसके लिए उन्होंने विधानसभा लेवल पर एक कमेटी बनाई है. ये घबराहट उनमें दिखाई दे रही है.
भाजपा के लाभार्थी संपर्क अभियान को लेकर पूर्व मंत्री ने कहा, लाभार्थी संपर्क अभियान की तरह BJP का भाजपा जोड़ो अभियान भी चल रहा है. भाजपा तरह-तरह के पार्टी के लोगों को बुलाकर अपने पार्टी में जोड़ने का काम रही. बूथ लेवल पर, हर विधानसभा लेवल पर ये काम कर रहे हैं. इनको यह जोड़ने की जरूरत क्यों पड़ गई है. भाजपा का आत्मविश्वास कमजोर है।