ज्ञान की देवी सरस्वती को राहु की इष्ट देवी माना गया है, सरस्वती पूजा से भी राहु दोष दूर होता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि जब राहु ग्रह की स्थिति जन्म कुण्डली में खराब, अशुभ हो तो व्यक्ति की बुद्धि विपरीत हो जाती है और वाणी से शब्द विष के समान निकलने लगते हैं. जिससे उसके सभी कार्य बिगड़ने लगते हैं सभी बने बनाए रिश्ते टूटने लगते हैं.
मनुष्य अपने आप को दुःख कष्टों के चक्रव्यूह में फंसा हुआ महसूस करने लगता है तो ऐसी परिस्थिति में बताया गया है कि बुद्धि ज्ञान वाणी की देवी मां सरस्वती का ध्यान यदि ऐसा जातक करता है तो अवश्य ही वह राहु ग्रह के इस चक्रव्यूह से निकल जाता है और साथ ही राहु ग्रह की मायावी शक्तियों से लाभान्वित होकर 1 नए जीवन के साथ ऊंचाईयों को छूने की ओर अग्रसर होता है.
कई ग्रंथों में तो राहु ग्रह की प्रिय अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती को बताया गया है जिनकी आराधना करने से राहु ग्रह कभी भी जातक को परेशान नहीं करते व अपना शुभ चमत्कारी फल जातक को प्रदान करते हैं.
बसंत पंचमी सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी तिथि का आरंभ 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से आरंभ हो जाएगी.14 फरवरी को पंचमी तिथि दोपहर में 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगी.उदया तिथि में पंचमी तिथि 14 फरवरी को होने के कारण बसंत पंचमी और सरस्वती पूजन 14 फरवरी को ही है. वहीं, 14 फरवरी को पंचक समाप्त सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर होगा.शाम में 14 फरवरी को 8 बजे तक शुभ योग है. सरस्वती पूजन के लिए सुबह 10 बजकर 46 मिनट से 12 बजे तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है.पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शुभ चौघडिया 10 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 51 मिनट पर आरंभ होगा.जो लोग पंचक में पूजा करना चाहते हैं वह सुबह 6 बजकर 9 मिनट से सुबह 9 बजे तक पूजा कर सकते हैं.
इन मंत्रों का करें जाप
माता सरस्वती को प्रसन्न करने हेतु उनके मन्त्रों का जाप करना चाहिए अन्यथा: श्री मां सरस्वतये नमः
इस मन्त्र की 1 माला या 3 माला या इससे अधिक माला का प्रतिदिन प्रातः काल जाप करना चाहिए 1 माला 108 की होती है यह तो हम सभी लोग जानते हैं.इसी के साथ राहु के मंत्रों का जप करना भी विशेष रुप से लाभकारी रहेगा.