नई दिल्ली। कहते हैं दिल की सेहत अच्छी रहती है तो शरीर भी दुरुस्त रहता है. वहीं, दिल की दिक्कतें घातक साबित होती हैं. अगर खानपान का ध्यान ना रखा जाए या लाइफस्टाइल की आदतें अच्छी ना हों तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे बढ़ जाते हैं. दिल की दिक्कतें ज्यादातर बढ़ती उम्र के साथ ही बढ़ती चली जाती हैं. हाई कॉलेस्ट्रोल, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को दिल की दिक्कतों के रिस्क फैक्टर्स में गिना जाता है. ऐसे में दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए कुछ अच्छी आदतों को जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सकता है.
दिल की सेहत अच्छी रखने के लिए सबसे जरूरी है डाइट का ख्याल रखना. अगर डाइट अच्छी होगी तो कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का खतरा भी दूर रहता है. खानपान अच्छा नहीं होने पर या फिर खानपान में जरूरत से ज्यादा ऑयली और फैटी चीजें शामिल करने पर कॉलेस्ट्रोल का खतरा बढ़ सकता है. कॉलेस्ट्रोल बढ़ने पर रक्त वाहिनियों में जमने लगता है और रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है. रक्त प्रवाह में रुकावट आती है तो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होने लगता है. इससे दिल पर सीधा असर पड़ता है और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
डाइट में हाई सोडियम फूड्स शामिल करने से भी परहेज किया जाना जरूरी है. हाई सोडियम फूड्स दिल की सेहत बिगाड़ने वाले साबित होते हैं. इसीलिए डाइट में उन चीजों को शामिल करें जिनमें हार्ट हेल्दी पोषक तत्व पाए जाते हैं. सब्जियां, फल और पूर्ण अनाज के साथ-साथ मछली और सूखे मेवों का सेवन भी दिल की सेहत अच्छी रखता है.
बढ़ता वजन हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर्स में आता है. अक्सर कहा भी जाता है कि दिल की दिक्कतें मोटापे के कारण बढ़ने लगती हैं. ऐसे में वजन को मैनेज करना और कंट्रोल में रखना जरूरी होता है. वजन जरूरत से ज्यादा ना बढ़े इसके लिए खानपान पर ध्यान देने के साथ ही फिजिकल फिटनेस पर गौर करना भी जरूरी है.
रोजाना ना सही लेकिन हफ्ते में 3 से 4 दिन एक्सरसाइज की जा सकती है. जो लोग एकदम सिडेंटरी लाइफस्टाइल अपनाते हैं, ज्यादा देर तक ना हिलने-डुलने से और काम ना करने पर मोटापा बढ़ने लगता है. इसीलिए लाइफस्टाइल का एक्टिव होना जरूरी है.